मन तृप्ति पा जाता है नव जीवन की श्रृंगारों में श्रृंगारी मुक्ती पाता है जड़ चेतन के आधारों में मन तृप्ति पा जाता है नव जीवन की श्रृंगारों में श्रृंगारी मुक्ती पाता है जड़ चेत...
"सीता कब तक देगी अग्निपरीक्षा ?" ये प्रश्न समाज से कर रही। "सीता कब तक देगी अग्निपरीक्षा ?" ये प्रश्न समाज से कर रही।
जीवन को सरल करें हम तुम जीवन एक करें। जीवन को सरल करें हम तुम जीवन एक करें।
जीना सरल नही हैं, दुनिया है मतलबी। जी आत्मनिर्भर जीवन, बना लें छवि। जीना सरल नही हैं, दुनिया है मतलबी। जी आत्मनिर्भर जीवन, बना लें छवि।
पलक झपकते ही हो जायेगा सारा जीवन कितना प्यारा पलक झपकते ही हो जायेगा सारा जीवन कितना प्यारा
जीवन सरल रखती हूँ। चरित्र पानी समान रखती हूँ। जीवन सरल रखती हूँ। चरित्र पानी समान रखती हूँ।